प्रभु, बुढ़ापा ऐसा देना*

*प्रभु, बुढ़ापा ऐसा देना*
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*प्रभु, बुढ़ापा ऐसा देना।*
 *कि हलवा पूरी गटक सकूं*
  *और चबा सकूं मैं चना चबैना।।* 
*प्रभु, बुढ़ापा ऐसा देना।* 
💐
*मेरे तन की शुगर ना बढ़े,*
 *रहे मिठास जुबाँ की कायम*। 
*तन का लोहा ठीक रहे*
 *और मन में लोहा लेने का दम*।।
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*चलूँ हमेशा ही मैं सीधा,*
*मेरी कमर नहीं झुक जाए*। 
*यारों के संग, हंसी ठिठौली,*
*मिलना जुलना ना रुक जाए,*
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*जियूं मस्त मौला बन कर मैं,*
 *काटूँ अपने दिन और रैना* 
  *प्रभु, बुढ़ापा ऐसा देना*। 
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 *भले आँख पर चश्मा हो* 
  *पर टी वी, अखबार पढ़ सकूं।* 
*पास हों या फिर दूर रहें* 
*मित्रों से मैं बात कर सकूँ*।। 
💐
*चाट पकोड़ी, पानी पूरी,*
*खा पाऊं, लेकर चटखारे* 
 *बीमारी और कमजोरी,*
 *फटक न पाएं पास हमारे*
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 *सावन सूखा, हरा न भादों* ,
*रहे हमेशा मन में चैना* 
 *प्रभु, बुढ़ापा ऐसा देना*।
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 *मेरे जीवन की शैली पर ,*
  *नहीं कोई प्रतिबंध लगाए।*
  *जीवन-साथी साथ रहे* 
   *संग संग हम दोनों मुस्काएं।।*
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*नहीं आत्म सम्मान से कभी,*
*करना पड़े हमें समझौता।* 
*बाकी तो जो, लिखा भाग्य में,*
*जो होना है, वो ही होता ।।*
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 *करनी ऐसी करूँ, गर्व से* ,
 *मिला सकूं मैं सबसे नैना।*
  *प्रभु, बुढ़ापा ऐसा देना।*
   *यही है ईश्वर से प्रार्थना।*
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   *जोरसे बोलो------राधेराधे।*
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